बीकानेर। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री भारत-रत्न स्वर्गीय राजीव गांधी की 76वी जयंती के अवसर पर राजीब गांधी स्टडी सर्कल बीकानेर इकाई द्वारा उनकी जयंती की पूर्व संध्या पर ‘‘दलबदल विरोधी कानून और संसदीय लोकतंत्र को आहत करने वाली प्रवृतियां’’ विषय पर एक विचार गोष्ठी का आयोजन बजसि रामपुरिया जैन विधि महाविद्यालय बीकानेर में हुआ। उर्जा मंत्री डाॅ बी.डी. कल्ला ने विडियो संदेष के माध्यम से गोष्ठी में आगुंतको को संबोधित किया। डाॅ कल्ला ने कहा कि इस दलबदल कानून को मुख्य उददेष्य आयाराम-गयाराम प्रथा को समाप्त करना है। राजीव गांधी की दलबदल कानून को लाने में अपनी अहम भूमिका रखी। डाॅ कल्ला ने बताया कि स्व. राजीव गांधी के प्रयासों ने ही सूचना क्रांति, मताधिकार, पंचायती राज को सुदृढ़ बनाने में योगदान दिया।


गोष्ठी का विषय प्रर्वतन करते हुए राजीव गांधी स्टडी सर्कल, बीकानेर जिला समन्वयक डाॅ बिठ्ठल बिस्सा ने स्व. राजीव गांधी व्यक्तित्व व कृतित्व पर विस्तार से प्रकाष डालते हुए कहा कि स्वर्गीय गांधी ने 1985 में 52वें संविधान संषोधन के माध्यम से दलबदल विरोधी कानून की नींव रखी। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में लोकतांत्रिक मूल्यों में आई गिरावट के कारण इस कानून में संषोधन की महत्ती आवष्यकता है। जिससे संविधान की मूल भावना के अनुरूप लोक व्यवस्था कायम रह सके। उन्होंने संगठन द्वारा पूर्व में उठाई गई मांग के अनुरूप राजीव गांधी विद्यार्थी सेवा केन्द्र की स्थापना करने पर माननीय उच्च षिक्षा मंत्री का धन्यवाद ज्ञापित किया।


स्वागतीय उद्बोधन में रामपुरिया विधि महाविद्यालय के प्राचार्य डाॅ अनन्त जोषी, ने अतिथियों का स्वागत करते हुए माननीय उच्च षिक्षा राज्य मंत्री द्वारा महाराजा गंगासिंह विष्वविद्यालय बीकानेर में पांच वर्षीय विधि पाठ्यक्रम एवं षिक्षा क्षेत्र में किए जा रहे विकास हंेतु धन्यवाद ज्ञापित किया, तथा माननीय कुलपति प्रो. वी.के. सिंह का महाविद्यालय में प्रथम बार पधारने पर आभार व्यक्त किया।


कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में उच्च षिक्षा मंत्री श्री भंवरसिंह भाटी ने अपने उद्बोधन में सर्वप्रथम राजीव गांधी के व्यक्तित्व व कृतित्व पर विचार प्रकट किए। उन्होने बताया कि बर्तमान में लोकतंत्र को संरक्षित करने के लिए दलबदल कानून का कठोरता से अनुपालन किया जाना जरुरी हैं। माननीय मंत्री महोदय ने इस अवसर पर कुलपति महोदय, महाराजा गंगासिंह विष्वविद्यालय और उपस्थित सभी षिक्षक साथियों से आवहान किया कि वो इस कोविड-19 वैष्विक महामारी को ध्यान में रखते हुए विद्यार्थियों के षैक्षणिक हित के तहत आॅनलाइन क्लासेज के माध्यम से पाठ्यक्रम को पूरा करवाने के लिए कृत संकल्प हो। श्री भाटी ने वर्तमान वैष्विक महामारी के समय पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी द्वारा प्रदत्त सूचना प्रोद्योगिकी को एक कवच के रूप में षिक्षक व विद्यार्थी हित में बताया। उन्होंने कहा कि स्व गांधी की याद को अक्षुण्ण रखने के लिए उच्च षिक्षा विभाग द्वारा राज्य के तमाम विष्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में स्व. राजीव गांधी के नाम पर सूचना प्रौद्योगिकी से सुसज्जित विद्यार्थी सेवा केन्द्रों की स्थापना की जाएगी। जिसकी शुरूआत महाराजा गंगासिंह विष्वविद्यालय से कर दी गई है। इन विद्यार्थी सेवा केन्द्रों पर विद्यार्थियों को एक ही छत के नीचे विद्यार्थियों से सम्बन्धित तमाम सूचनाएं प्राप्त होगी। साथ ही इन केन्द्रों पर केरियर काउन्सलिंग की व्यवस्था भी सुनिष्चित की जाएगी।


कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रो. विनोद कुमार सिंह, कुलपति महाराजा गंगासिंह विष्वविद्यालय, बीकानेर ने कि, प्रो. सिंह ने बताया कि राजीव गंाधी जी के द्वारा जो सूचना क्रांति की कार्यवाही प्रारम्भ की गई थी उस समय उस सूचना कांति की कार्ययोजना में, मै भी सहभागीदार रहा था। श्री राजीव गांधी जी को भारत की इन्र्फोेमेषन टेक्नोलाॅजी और टेलीकाॅम रेवलूषन का पिता एवं डिजिटल इण्डिया का आर्किटेक्ट कहा जाता हैं। उनके षासनकाल में अगस्त 1984 में सेन्टर फाॅर डेवलपमेन्ट आॅफ टेलिमैटिक्स की स्थापना हुई, जिससे देष में कम्प्यूनिकेषन टेक्नालाॅजी को विकसित किया जा सका। वह राजीव गांधी की के ही प्रयास थे, जिसके कारण देष में पीसीओ की क्रांति आई।


इस अवसर राजीव गांधी स्टडी सर्कल के राष्ट्रीय समन्वयक, प्रो. सतीष राॅय ने विडियो संदेष के माध्यम से राजीव गांधी जी के योगदान व दलबदल विरोधी कानून के व्यवहारिक पहलू पर विस्तार से प्रकाष डाला।


कार्यक्रम को काॅलेज षिक्षा निदेषालय, जयपुर के सहायक निदेषक डाॅ राकेष हर्ष, रूक्टा महामंत्री विजय कुमार ऐरी, संभागीय समन्वयक डाॅ. एन. के. व्यास, श्री श्याम नारायण रंगा ने सम्बोधित किया।


कार्यक्रम में डाॅ बी.आर. बिष्नोई प्राचार्य राजकीय विधि महाविद्यालय, डाॅ पंकज जैन प्राचार्य रामपुरिया काॅलेज, डाॅ बी.एल.बिष्नोई प्राचार्य ज्ञान विधि महाविद्यालय, डाॅ. षिवराम सिंह झाझडि.या, प्राचार्य जैन पी जी काॅलेज, डाॅ. रीतेष व्यास, प्राचार्य सिस्टर निवेदिता कन्या महाविद्यालय, डाॅ नरेन्द्र कुमार लांबा, डाॅ. धर्मवीर कटेवा, डाॅ. राजेन्द्र कुमार खींचड., डाॅ. अनिल दुलार, डाॅ. नवदीप बैन्स, डाॅ. कपिल ज्याणी, डाॅ. षिवषंकर व्यास, रामपुरिया विधि महाविद्यालय के डाॅ. बालमुकुन्द व्यास, डाॅ. शराफत अली, डाॅ. राकेष धवन, डाॅ. प्रीति कोचर, श्री श्यामनारायण रंगा इत्यादि ने अपने विचार रखे तथा उपस्थित थे।


कार्यक्रम में सभी आगन्तुको का धन्यवाद रामपुरिया महाविद्यालय के प्राचार्य डाॅ. पंकज जैन ने दिया तथा कार्यक्रम का संचालन रामपुरिया विधि महाविद्यालय के डाॅ. रीतेष व्यास ने किया।